हर पल की तुम बात न पूछो
कैसे गुजरी रात न पूछो
बाहर सब कुछ सूखा-सूखा
अन्दर की बरसात न पूछो
दुनिया से तो जीत रहा हूँ
खुद से खुद की बात न पूछो
जिस को सुन के पछताओगे
तुम मुझसे वो बात न पूछो
साहिल पे ही डूब गए हो
कैसे थे हालात न पूछो
मिलता है '' इरशाद'' सभी से
उस से उसकी जात न पूछो